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कोविद के दौरान अपना इलाज़ कैसे करवाएँ

कोविद के दौरान अपना इलाज़ कैसे करवाएँ 1- डॉक्टर के पास जाने से पहले अस्पताल में फोन करके पूछें की , क्या डॉक्टर फोन पर परामर्श देते हैं। 2- फोन पर परामर्श लें। अगर जरूरत हो , तभी अस्पताल जाएँ। 3- अगर अस्पताल में आपके शरीर का तापमान , ऑक्सिजन saturation, हाथ पैर धोना , सामाजिक दूरी बनाना आदि की व्यवस्था नहीं दिखे , तो आप खतरे में हैं। 4- अगर आपको फ़ेस मास्क सही तरीके से लगाने के लिए नहीं टोका गया , तो आप खतरे मे हैं। 5- अगर डॉक्टर , सिस्टर , आदि बिना फ़ेस मास्क और बाकी जरूरी सावधानी के साथ मरीज न देख रहें हों , तो आप खतरे मे हैं। 6- बार बार इस्तेमाल मे आने वाली चीज़ें जैसे ब्लड प्रेसर मशीन , thermometer, स्टेथोस्कोप , बैठने वाली कुर्सी , लेटने वाला काउच , वजन नापने वाली मशीन , आदि अगर हर मरीज के बाद sanitize नहीं किया जा रहा है , तो आप खतरे मे हैं। 7- भर्ती होना या कोई ऑपरेशन करवाना आपको अत्यधिक खतरे में डालता है। बिना emergency ऐसा न करें। 8- अगर आपको किसी रिश्तेदार को देखने अस्पताल जाना पड़े तो सावधानी रखें , सामाजिक दूरी बनाए रखें , किसी भी चीज़ को न छ
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घुटने के लिए सिर्फ 2 मिनट

घुटने के लिए सिर्फ 2 मिनट उकड़ू बैठना( squatting ) , पालथी बैठना( crossleg ) , सीढ़ियाँ चढ़ना , आदि सभी में घुटना दर्द हो जाता है। Knee exercises

कमर के लिए सिर्फ 2 मिनट

कमर के लिए सिर्फ 2 मिनट ड्राइविंग , कम्प्युटर तथा लैपटाप , रीडिंग , राइटिंग , सामने झुक कर काम करना आदि सभी में कमर दर्द हो जाता है। Back exercises CAT AND CAMEL (मारजारी आसन)                          COBRA POSE ( भुजंग आसन )               RABBIT POSE ( शशांक आसन )                                      BRIDGE POSE ( सेतुबंध आसन )    ALTERNATE HAND AND LEG RAISE      ( अर्धशलभ आसन )                       SUPERMAN POSE ( विपरीत नौका आसन )    

गर्दन के लिए सिर्फ 2 मिनट

गर्दन के लिए सिर्फ 2 मिनट ड्राइविंग , मोबाइल , गेमिंग , कम्प्युटर तथा लैपटाप , अत्यधिक टी वी , रीडिंग , राइटिंग , मोटा तकिया आदि सभी कामों में गर्दन दर्द हो जाता है। 1. Range of Motion Exercises - गर्दन को 6 तरफ चलाना है।   उतना ही गर्दन चलाना है जितना दर्द आपको allow करें  2.  खिचाव वाले व्यायाम ( stretching)  – सामने ,  पीछे ,  लेफ्ट ,  राइट  and sides  में एक्सट्रा दबाएँ और 10 गिनती तक होल्ड करें 3. Isometric Strengthening सामने , पीछे , लेफ्ट , राइट and sides में सर को धक्का दें और हाथ से रोकें। 10 गिनती तक होल्ड करें।

रूमेटाइड अर्थराइटिस , गठिया

रूमेटाइड अर्थराइटिस  हमारे देश में हर छह में से एक व्यक्ति आर्थराइटिस से पीड़ित है। आर्थर्राइटिस की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है। जब हम अर्थराइटिस या गठिया की बात करते हैं , तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में जोड़ों के दर्द के साथ अपने बुजुर्ग रिश्तेदारों की तस्वीर उभरने लगती है. लेकिन अर्थराइटिस निश्चित रूप से एक ‘ बुजुर्गों ’ की स्थिति नहीं है. वास्तव में , कुछ प्रकार के अर्थराइटिस हैं , जो युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में दिखाई देते हैं और इसका एक उदाहरण रूमेटाइड अर्थराइटिस (आरए) है. रूमेटाइड अर्थराइटिस एक सूजन संबंधित विकार है जिसका असर इंडिया में सबसे ज्यादा घुटने के जोड़ों पर पड़ता है। इस बीमारी से न सिर्फ जोड़ों पर असर पड़ता है बल्कि शरीर के तंत्र , त्वचा , आंखों , लंग्स , दिल और खून की धमनियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बीमारी का इलाज लंबे समय तक या जिंदगी भर चल सकता है। यह एक ऑटोइम्यून ( autoimmune ) बीमारी है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बाहरी दुश्मन को नुकसान पहुंचाने की बजाए , स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती

मोबाइल फोन के इस्तेमाल से खतरे

मोबाइल फोन के इस्तेमाल से दो प्रमुख खतरे हैं। 1 रेडिएसन 2 गर्दन दर्द ( TEXT NECK ) मोबाइल फोन के रेडिएसन से बचने के लिए :- 1 ऐसे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें जो कम रेडिएसन फैलाता हो। 2 हैंड्स फ्री का इस्तेमाल करें। 3 मोबाइल फोन को शरीर से दूर रखें – सोते समय , बात करते समय। मोबाइल फोन से होने वाले गर्दन दर्द से बचने के लिए :- 1 मोबाइल का use करते समय गर्दन को सामने झुकाये रखने से बचें ये पॉस्चर रखें  2 कान और आप के कंधे एक लाइन में होने चाहिए।  Dr Amit Agrawal Orthopaedic Doctor Raipur 9826164712 Email- orthoamit@gmail.com

जीवन में व्यायाम का महत्व

जीवन में व्यायाम का महत्व जिस तरह रोज खाना और सोना आवश्यक है उसी प्रकार रोज व्यायाम भी जरूरी है। व्यायाम शरीर तथा दिमाग दोनों को स्वस्थ रखता है। यह तनाव को दूर करता है , वजन कम करता है , यह हड्डी और मासपेशियों की सेहत बढ़ाता है , यह आपकी ऊर्जा बढ़ाता है , कई बीमारियों से आपको दूर रखता है , यह आपको अच्छी नींद देता है , अथार्त यह हर तरह से अत्यंत उपयोगी है।   व्यायाम के प्रकार हैं – ऐरोबिक्स ( aerobics, endurance ) – वे व्यायाम जिससे पसीना आ जाए , हार्ट रेट बढ़ जाए। इसको cardio-respiratory व्यायाम भी बुलाते हैं। जैसे – डांस , वॉक , jogging, स्विमिंग , cycling, सीढ़ी चढ़ना , स्पोर्ट्स , जुमबा , आदि। ये व्यायाम हमारे फेफड़े तथा हार्ट को चुस्त तथा तंदरुस्त रखता है। हमारे शरीर का खून का संचार तथा ऑक्सिजन का संचार अच्छा रहता है। प्रतिदिन 20 मिनिट करना चाहिए।           Stretching/flexibility – मासपेशियों को खिचाव देने वाले व्यायाम जैसे योगा , आदि। ये व्यायाम हमारे शरीर में खून तथा स्नायु के संचार को ठीक रखता है। हमारे जोड़ों की चाल को बढ़ाता है। हमारी मास