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Showing posts from September, 2019

जूतों का सही चुनाव करना बेहद जरूरी

जूतों का सही चुनाव करना बेहद जरूरी  1-   क्या आपको बार बार corn हो जाता है , हील में pain रहता है , नाखून से जुड़ी समस्या है - तो आप जूते खरीदते समय सावधानी बरतें।  2-  जूते , चप्पल , सैंडल जो भी पहने आपके पैर में पूरी तरह से फिट हो जाना चाहिए। चलें तो ऐसा लगे की दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। हील तथा अंगुलियों में टाइट पकड़ होना जरूरी है।  3-  Collar में notch होना चाहिए जिससे वह Tendoachilles को नुकसान न पहुँचा सके। 4-  Heel counter मजबूत ( sturdy ) होना चाहिए। दबा कर देखिये , अंदर की ओर घुसना नहीं चाहिए। 5-  Midsole को twist करके देखें। Twist कम से कम होना चाहिए। 6-  Toe Box की चौड़ाई पर्याप्त होनी चाहिए।  अंगुलियाँ  आपस में दबनी नहीं चाहिए। 7-  Toe Box में  अंगुलियाँ  खत्म होने के बाद भी आधा इंच जगह बचनी चाहिए। 8- हील दो इंच से ज्यादा नहीं पहनें। हील छोटा और चौड़ा होना चाहिए। हील वाले जूते रोजाना उपयोग न करें। 9- जूते को मोड़ कर देंखें। जूते ठीक उस जगह से मुड़ने चाहिए जहाँ से पंजा मुड़ता है। 10-  अपने पंजे के चिन्ह ( foot prints ) को ध्यान से देंखे

यूरिक एसिड से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

यूरिक एसिड से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें 1 - यूरिक एसिड , हमारे शरीर का एक अपशिष्ट (शरीर से बाहर निकालने वाला) पदार्थ है। यह पदार्थ ज़्यादातर किडनी के रास्ते शरीर से बाहर चला जाता है। 2 - समान्यतः इसकी मात्रा खून में 2.4 – 6.0 mg/dl ( महिला ) तथा 3.4 – 7.0 mg/dl ( पुरुष ) इतनी होती है। इसकी मात्रा urine में 250 – 750 mg/day होती है। 3 - इस पदार्थ की मात्रा खून में बढ़ जाने के दो प्रमुख कारण हैं – A- इसका उत्पादन शरीर में ज्यादा होने लगे। B- किडनी इसे पूरी तरह बाहर निकाल पाने में समर्थ न हो। 4 - अगर लम्बे समय तक इसकी मात्रा खून तथा urine में बढ़ी रहे तो कुछ लोगों ( 10 में किसी 1 को ) को किडनी में पथरी , जोड़ों में सूजन तथा दर्द , डाइबटीस , दिल की बीमारियाँ , आदि हो सकते हैं। 5 - यूरिक एसिड कम करने वाली दवाइयों का सेवन तभी करें अगर - A - आपको कैंसर या ट्यूमर का इलाज़ चल रहा है। B - आपका यूरिक एसिड खून में 10 mg/dl (महिला) और 12 mg/dl ( पुरुष ), से ज्यादा है। C - आपकी किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती है। D – आपके urine में 24 घंटे में यूरिक एसिड 1100 mg से

कैल्सियम (calcium) तथा विटामिन डी (vitamin D) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

कैल्सियम तथा विटामिन डी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें 1 कैल्सियम तथा विटामिन डी हमारे शरीर के जरूरी पोषक तत्व हैं। 2 ये तत्व हमें हमारे खान पान से प्राप्त होते हैं। विटामिन डी हमें सूर्य की किरणों से भी प्राप्त होता है। 3 हम 200-300 मिलीग्राम कैल्सियम का सेवन प्रतिदिन करते हैं , जबकि विकसित देशों में यह मात्रा 800 मिलीग्राम प्रतिदिन है। 4 कैल्सियम को शरीर को उपलब्ध कराने में विटामिन डी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 5 भारत में विटामिन डी की कमी 40%-99% तक लोंगों में पाई गई है। 6 कई रिसर्च में इन तत्वों को कैंसर , ऑस्टियोपोरोसिस , मधुमेह , गठिया , मानसिक रोगों में उपयोगी पाया गया है। 7 इन तत्वों से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ भी हैं जैसे        कैल्सियम सेवन से दिल की बीमारियाँ बढ़ जाती हैं – कहते हैं की अत्यधिक कैल्सियम खून की नसों को नुकसान पहुँचाता है ( calcific deposits )। पर इसके लिए खून में कैल्सियम की मात्रा 10.5-11 mg/dl से अधिक होनी चाहिए। इसलिए उचित मात्रा में लिया गया कैल्सियम तथा विटामिन डी नुकसानदायक नहीं होता।        कैल्सियम से किडनी में पथरी हो जाती है – पथ